मकर संक्रांति – The Makar Sankranti

 The Makar Sankranti

मकर संक्रांति त्यौहार, हिंदुओं के देव सूर्य को समर्पित है। जब सूर्य धनु से मकर राशि या दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर स्थानांतरित होता है, तब संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। संक्रांति का मतलब है, सूरज का एक राशि से दूसरी राशि मे प्रवेश करना है। 

The Makar Sankranti

भारतीय ज्योतिष के अनुसार बारह राशियां मानी गयी हैं: मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन, जनवरी महीने में प्रायः 14 तारीख को जब सूर्य धनु राशि से (दक्षिणायन) मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण होता है तो मकर संक्रांति मनायी जाती है।

अधिकांश हिंदू त्यौहार चंद्रमा की स्थिति के अनुसार मनाये जाता हैं, लेकिन यह त्यौहार सूर्य के चारों तरफ प्रथ्वी के चक्र की स्थति के अनुसार मनाया जाता है। इसलिए हिंदू पंचांग के अनुसार कोई तय तिथि घोषित नहीं की जा सकती है।

मकर सर्दियों के मौसम का अंत माना जाता है, और सर्दियों की तुलना में, लम्बे दिनों की शुरुआत होजाती है। इस त्यौहार पर लोग सूर्य की प्रार्थना करते हैं और आदि गुरु शंकराचार्य के अनुसार गांगजी, गंगा सागर, कुंभ और प्रयाग राज में स्नान करना चाहिए। परंपरा के अनुसार भक्त नदियों विशेषकर गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी में डुबकी लगाते है। लोग व्रत स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ दान अवश्य करते हैं।

भारत के अलग-अलग हिस्से में मकर संक्रांति विभिन्न नामों के साथ मनाई जाती है, कर्नाटक में संक्रांति, तमिलनाडु और केरल में पोंगल, पंजाब और हरियाणा में माघी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण एवं उत्तराखंड मे उत्तरायणी के नाम से जानी जाती है।

संबंधित अन्य नाम – संकरात, पोंगल, उत्तरायण, माघे सङ्क्रान्ति, खिचड़ी पर्व

मकर संक्रांति से जुड़ी पौराणिक कथाएं।

प्रशंग 1: चूंकि, शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, कहा जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाया करते हैं। अत: इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
प्रशंग 2: मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा उनसे मिली थीं। यह भी कहा जाता है कि गंगा को धरती पर लाने वाले महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इस दिन तर्पण किया था। उनका तर्पण स्वीकार करने के बाद इस दिन गंगा समुद्र में जाकर मिल गई थी। इसलिए मकर संक्रांति पर गंगा सागर में मेला लगता है।
प्रशंग 3: महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए , सूर्य के मकर राशि मे आजाने तक इंतजार किया था।
प्रशंग 4: इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों का अंत कर युद्ध समाप्ति की घोषणा की एवं सभी असुरों के सिरों को मंदार पर्वत के नीचे दबा दिया था। इस प्रकार यह दिन बुराइयों और नकारात्मकता के अंत का दिन भी माना जाता है।
प्रशंग 5: माता यशोदा ने जब कृष्ण जन्म के लिए व्रत किया था तब सूर्य देवता उत्तरायण काल में पदार्पण कर रहे थे और उस दिन मकर संक्रांति थी। माना जाता उसी दिन से मकर संक्रांति व्रत का प्रचलन सुरू हुआ।

संबंधित जानकारियाँ

  • भविष्य के त्यौहार – 15 January 202215 January 202315 January 2024
  • आवृत्ति – वार्षिक
  • समय – 1 दिन
  • सुरुआत तिथि – पौष / माघ
  • समाप्ति तिथि – पौष / माघ
  • महीना – जनवरी
  • कारण – सूर्य धनु से मकर राशि या दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर स्थानांतरित होता है।
  • उत्सव विधि – सूर्य भगवान की उपासना, तिल-गुड़ से बनी मिठाइयाँ, खिचड़ी, दान-दक्षिणा, गंगा स्नान, पवित्र नदियों मे स्नान, पतंगबाजी, मेला।
  • महत्वपूर्ण जगह – प्रयागराज, गंगा सागर, पवित्र नदियाँ।
  • पिछले त्यौहार – 15 January 2020, 15 January 2019, 14 January 2018
यदि आपको इस पेज में सुधार की जरूरत महसूस हो रही है, तो कृपया अपने विचारों को हमें साझा जरूर करें.
आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक.

The Makar Sankranti in English

Makar Sankranti festival is dedicated to the Hindu god Surya. When Sun shifted from dahanu to makar rashi or dakshinayan to uttarayan. Sankranti means the passing of the sun from one zodiac to the other one. Most of the Hindu festivals celebrated as per the moon position but this festival celebrated on the basis of the Sun. Therefore no fixed date declared as per Hindu Panchang.
Makara makes the end of the winter season and the start of longer days compare to winter. On this festival, people pray to the sun and bathe at the Prayaga Raj at the Kumbh Mela as per Adi Shankara and in *Ganga Sagar. Traditionally devotees took a holy dip in rivers, especially Ganga, Yamuna, Godavari, Krishna, and Cauvery.
In different parts of Indian, Makar Sankranti celebrated with a different name. Sankranti in Karnataka, Pongal in Tamil Nadu and Kerala, Maghi in Punjab and Haryana, Uttarayana in Gujarat and Rajasthan, and Uttarayani in Uttarakhand.
Related Name – Sankraat, Sankranthi, Pongal, Uttarayana, Maghi, Maghe Sankranti, Khichdi Parv

Related Information

  • Futures Dates – 15 January 202215 January 202315 January 2024
  • Frequency – Yearly / Annual
  • Duration – 1 Day
  • Begins Tithi – Paush / Magha
  • Ends Tithi – Paush / Magha
  • Months – January
  • Reason – Sun Shifted from Dhanu to Makar Rashi.
  • Celebrations – Sun Worship, Eating Til-Gud, Eating Khichdi, Daan, Dakshina, Dip in Ganges, Holy Bath, Kite Flying, Melas.
  • Important Places – Prayagraj, Ganga Sagar, Holy Rivers.
  • Past Dates – 15 January 2020, 15 January 2019, 14 January 2018
If you are feeling any data correction, please share your views on our contact us page.
Please write any type of feedback or suggestion(s) on our contact us page.
The Makar Sankranti Makar Sankranti Sankranti 

0 thoughts on “मकर संक्रांति – The Makar Sankranti”

Leave a Comment